भांवरकोल( गाजीपुर) भारत के राष्ट्रवादी नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी तथा भारत में किसान अंन्दोलन के जनक स्वामी सहजानंद सरस्वती की अवतरण तिथि ब्लाक मुख्यालय स्थित सहरमाडीह के किनवार स्तम्भ पर समारोह पूर्वक मनाई गई। इस मौके पर काफी संख्या में लोगों ने उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उनके ब्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा की।इस मौके पर मुख्य अतिथि डा० मान्धाता राय ने कहा कि आप मानें या ना मानो लेकिन भारतीय राजनीति में जब भी किसानों की चर्चा होती है तो उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर संगठित करने का श्रेय शलाका पुरुष स्वामी सहजानंद सरस्वती की बरबस याद दिलाता है। वे आदि शंकराचार्य के दशनामी अखाड़ा के दण्डी स्वामी थे। उन्होंने कहा कि वे एक बुद्धिजीवी, लेखक, समाज सुधारक क्रांतिकारी थे। वे अखिल भारतीय किसान सभा के निर्माण एवं संस्थापक थे। उन्होंने बर्ष 1915 से 30 तक ब्राह्मणों को अपनी विचारधारा से प्रतिग्रही एवं अप्रतिग्रही लोगों का अंन्तर सिद्ध किया। स्वामी जी का सियासी कद नेहरू तथा महात्मा गांधी के समतुल्य था। उन्होंने कहा कि भारत में संगठित किसान अंन्दोलन खड़ा करके श्रेय सहजानंद सरस्वती को जाता है। सेवा, त्याग स्वामी जी का मूलमंत्र था।दण्डी स्वामी के बावजूद वे रोटी को भगवान तथा किसानों को देवता मानते थे।वे किसानों के प्रति इतने संवेदनशील थे कि तत्कालीन असहाय परिस्थितियों में उन्होंने नारा दिया कि जो अन्न उपजाएगा, अब वो सरकार चलाएगा। उन्होंने किसान अंन्दोलन को आर्थिक स्थिति से जोड़ा। जमींदारी प्रथा की लड़ाई जीती। इसी बीच वे स्वतंत्रता आंदोलन में कूद गए। आजादी की लड़ाई में उनकी गिनती अग्रिम पंक्ति के नेताओं में शुमार थे। बाद में वे कांग्रेस के बिचारों से अपनी दूरी बना ली। वे एक संन्यासी का ताना-बाना आजीवन बरकरार रखे। एक छोटे किसान परिवार में पैदा हुए। लेकिन उनका ब्यक्तित्व इतना बड़ा था कि वे पुरे देश एवं समाज में अपनी अलग पहचान बनाई।वे महामानव थे जिनका ब्यक्तित्व एवं कृतित्व आज के परिवेश में समाज के लिए प्रासंगिक है जो हमेशा लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा। समारोह में डा० रामबदन राय, भाजपा के बरिष्ठ नेता बिजयशंकर राय, संन्तोष राय, सम्पादक के०एन० राय, रामनाथ ठाकुर, शेषनाथ राय, मुक्तिनाथ राय,शशिधर राय उर्फ टुनटुन, मुकेश जी, दुर्गा राय, बिजेंद्र राय,बिनय राय, जयानंद राय, इंद्रासन राय, दिनेश चौधरी, राजेश राय बागी, बिमलेश राय, संन्जू राय, कमलेश शर्मा, दिवाकर राय, भानु प्रताप राय आदि ने बिचार ब्यक्त किया। समारोह की अध्यक्षता रामजी राय एवं संचालन बिनोद राय ने किया।