ग़ाज़ीपुरधर्म

श्री चित्रगुप्त सार्वजनिक पूजन समारोह 3 नवंबर को, प्राचीन श्री चित्रगुप्त मंदिर ददरीघाट प्रांगण में

 

गाजीपुर।  श्री चित्रगुप्त वंशीय सभा ददरी घाट गाज़ीपुर के तत्वाधान में हर वर्ष होने वाले सार्वजनिक वार्षिक श्री चित्रगुप्त पूजन समारोह के आयोजन की तैयारी के लिए स्थानीय ददरी घाट स्थित चित्रगुप्त मंदिर परिसर में संस्था की एक अति आवश्यक बैठक संपन्न हुई, बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा करने के पश्चात विशेष रूप से वार्षिक सार्वजनिक पूजन के निमित्त किए गए अब तक की तैयारी का विवरण संस्था के मंत्री अजय कुमार श्रीवास्तव ने कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बताया कि, काशी के विद्वान ज्योतिषाचार्यों से विचार विमर्श कर यह निश्चित किया गया है कि, इस वर्ष की वार्षिक श्री चित्रगुप्त पूजन “दिनांक 3 नवंबर 2024, दिन रविवार” को प्राचीन मंदिर परिसर, ददरीघाट गाजीपुर प्रांगण में परंपरानुसार समारोह पूर्वक मनाया जाएगा। इस अवसर हेतु गत वर्षों की भांति इस बार भी सार्वजनिक पूजन के निमित्त समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं, श्री चित्रगुप्त मंदिर परिसर में हर वर्ष की भांति रंगाई पुताई का कार्य दीपावली तक पूरा कर लिया गया है, पूजनोपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए प्रदेश के मशहूर कई गायक कलाकारों ने भी इस समारोह में उपस्थित रहने की सहमति प्रदान की है, इस कार्यक्रम में “मुख्य अतिथि” के रूप में “राज्यसभा संसद सदस्य डॉ०  संगीता बलवंत ने भी उपस्थित रहने की सहमति प्रदान की है, कार्यक्रम की तैयारी के सिलसिले में मंच, पूजन व्यवस्था, प्रसाद वितरण, अतिथि स्वागत आदि के लिए अलग-अलग मानिंद सदस्यों और वालेंटियर्स की टोली बना कर जिम्मेदारी दे दी गई है ।इस बैठक में संस्था के विद्वान अध्यक्ष  आनंद शंकर श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव, सह मंत्री शिव शंकर सिंहा , प्रमोद सिन्हा, रवि श्रीवास्तव, विभोर श्रीवास्तव, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, संजीव श्रीवास्तव अभय श्रीवास्तव लालू सुनील श्रीवास्तव, अरविंद श्रीवास्तव, मुनिंदर श्रीवास्तव देशदीपक श्रीवास्तव के साथ अन्य मानिंद सदस्य उपस्थित थे। ज्ञातव्य हो कि विशेष रूप से कायस्थ समाज द्वारा पूजित भगवान श्री चित्रगुप्त के इस लोकप्रिय वार्षिक पूजन समारोह को समाज के सभी वर्गों की आस्था जुड़ी है, अतः इस सार्वजनिक पूजा को समाज के हर जाती वर्ग से जोड़ने के उद्देश्य से संस्था के पदाधिकारियों और मानिंद सदस्यों से विचार विमर्श उपरांत सहमति के बाद सहभागिता हेतु आमंत्रण पत्र भी व्यापक रूप से भेजे जा रहे हैं और सर्व समाज से आग्रह किया जा रहा है कि भगवान चित्रगुप्त के इस प्राचीन सार्वजनिक पूजन समारोह में उपस्थित होकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें।