किसान गोष्ठी का हुआ आयोजन
भांवरकोल( गाजीपुर ) कृषि विभाग की ओर से कृषि सूचना तंत्र की सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता के तहत क्षेत्र के मिर्जाबाद स्थित बीज गोदाम परिसर में किसान गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। गोष्ठी में उपनिदेशक कृषि यतीन्द्र कुमार सिंह ने विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत अभी भी तमाम किसानों के खाते में पैसा नहीं आ पा रहा है । इसके लिए बार-बार सूचना दिए जाने के बावजूद लाभार्थी अपने खाते का केवाईसी आधार कार्ड बैंकों से जुड़वाने में लापरवाही कर रहे हैं। इतना नहीं अपने खतौनी की प्रमाणिकता राजस्व विभाग द्वारा नहीं करा रहे हैं। सम्मान निधि से वंचित है उन्होंने कहा कि किसानों का खाते में पैसा नहीं आ रहा है उन्हें आगामी अप्रैल मई-जून 3 माह के अंदर उनसे संबंधित डाक्यूमेंट्स लेकर शीघ्र ही उन्हें शासन को भेजकर उनके खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा भेजा जाएगा। उन्होंने कृषि यंत्र पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए किसानों को अपना पंजीकरण कृषि विभाग में कराना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि खरीद के बाद संबंधित संस्थान को नगदी के बजाय उनके खाते में पैसा जमा करें। बताया कि यंत्र का पैसा सीधे उनके खाते में ट्रांसफर करें अन्यथा उनको सबसे सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा उन्होंने फसल बीमा का जिक्र करते हुए कहा कि किसान फसल बीमा अवश्य करें ताकि आपदा काल में उन्हें इस बीमा का समुचित लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से मोटे अनाजों उत्पाद जैसे बाजरा,साांवा,टांगुन, सभी के लिए अगले सत्र से विभाग की ओर से किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाएगा। इस मौके पर कृषि वैज्ञानिक डॉ शशांक सिंह खेती के साथ उद्यानिक खेती पर बल देते हुए बताया कि रंगीन सब्जियों के सेवन से शरीर में विषाक्त पदार्थों का क्षरण होता है। उन्होंने बताया कि कद्दू बर्गीय खेती के लिए विश्वसनीय बीजों का चुनाव बेहद जरूरी है साथ ही बीजों को ट्राइकोडरमा से जरूर उपचार के बाद ही उसकी बुवाई करें। उन्होंने बताया कि कद्दू बरगी बीजों को बोने के 24 घंटा पहले बीजों को पानी में भिगोकर छोड़ दें। पून: उसे 5 घंटे भीगे बोरे में लपेट कर छोड़ दें इसके बाद ही उसकी बुवाई करें। क्योंकि इन बीजों के ऊपर सतह काफी कठोर होती है ऐसे में जमाव की दिक्कतों से रूबरू होना पड़ता है। उन्होंने बताया कि आंखों पर आम के बौर पर किसी भी केमिकल दवाओं का छिड़काव न करें। फलों झड़ने से रोकने के लिए तैयार फल पर बोरेक्स का छिड़काव करें ।इस मौके पर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सचिन कुमार सिंह ने पशुपालन विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी किसानों के दी ।उन्होंने बताया कि इस इलाके में शुरू से ही खेती के साथ पशुपालन का कार्य किया जाता है। बताया कि अब सरकार की ओर से पशुपालन के लिए विभाग के माध्यम से दुधारू जानवरों को भरण पोषण के लिए सरकार की ओर से केसीसी कार्ड निर्गत किया जा रहा है ।इसे संबंधित बैंकों की शाखाओं आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान के लिए सरकार की ओर से डिशेस सीमन उपलब्ध है जिसकी कीमत ₹300 में रखी गई है। इसके प्रयोग से अधिकांश बछिया के ही पैदा होने की संभावना अधिकतम होती है। उन्होंने किसानों से कहा कि पशुपालक अपने पशुओं को साल में एक बार कृषि कृमि नाशक दवा साल में दो बार अवश्य दें ।उन्होंने बताया कि पशुओं को या दुधारू जानवरों को कम से कम 100 ग्राम कैल्शियम प्रतिदिन दे ।बताया कि धान के पुआल के कुट्टी में उसी हिसाब से भूसा मिलाकर खिलाए ताकी उनके पाचन में कोई दिक्कत ना हो । इस मौके पर रविकांत उपाध्याय, रविंद्र नाथ राय, विनोद राय, झून्नू पांडेय, दरोगा राय ,कृष्ण कुमार वर्मा, राजकुमार पटेल, संदीप, राकेश, सरोज ,रामाशंकर अवनीश गुप्ता, आशुतोष पांडे आदि लोग मौजूद रहे।