ग़ाज़ीपुर : साल 2012 में जब तत्कालीन सरकार के द्वारा जब निशुल्क एंबुलेंस सेवा प्रारंभ की जा रही थी। तब किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि एंबुलेंस सेवा लोगों को किस हद तक लाभ पहुंचाएगी। लेकिन अब यह एंबुलेंस सेवा आमजन के लिए खासकर गंभीर स्थिति में पहुंच चुके मरीजों और प्रसव पीड़िता के लिए काफी लाभकारी साबित होता दिख रहा है। कुछ ऐसा ही गुरुवार को भी देखने को मिला जब सैदपुर ब्लॉक के लौलहा गांव से एक फोन कॉल आया। गर्भवती के प्रसव पीड़ा के बारे में जानकारी दी गई। जिसके बाद पायलट और ईएमटी के द्वारा बताए गए लोकेशन पर एंबुलेंस के साथ पहुंचा गया। जब उसे स्वास्थ्य केंद्र के लिए लेकर चले लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ जाने के कारण एंबुलेंस के अंदर ही सड़क किनारे प्रसव कराना पड़ा।
102 और 108 एंबुलेंस के ब्लॉक प्रभारी मोहम्मद फरीद ने बताया कि गुरुवार को सैदपुर ब्लॉक के लौलहा गांव से आशा कार्यकर्ता सुनीता यादव के द्वारा 102 एंबुलेंस के लिए कॉल किया गया। बताया गया कि गर्भवती प्रसव पीड़ा से पीड़ित है। जिसके बाद पायलट पिंटू यादव और ईएमटी अमरेंद्र कुमार गौतम बताए गए लोकेशन पर क्विक रिस्पांस करते हुए पहुंचे। जहां से उन्होंने गर्भवती संध्या देवी पत्नी मंजय के साथ ही आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी के साथ स्वास्थ्य केंद्र के लिए चले। लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ जाने के कारण एंबुलेंस को सड़क किनारे लगा कर आशा कार्यकर्ता और ईएमटी की मदद से गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराया गया। जहां पर गर्भवती ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। जिसके बाद जच्चा और बच्चा को उप केंद्र अनौनी में भर्ती कराया गया। जहां पर एएनएम के द्वारा जच्चा और बच्चा को सुरक्षित बताया गया।