ग़ाज़ीपुरस्वास्थ

डीएम ने पल्स पोलियो कार्यक्रम का किया शुभारंभ

गाजीपुर  । जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने उपस्थित ग्रामवासियों को पोलियों जैसी खतरनाक बिमारी के बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस घातक बिमारी से बस दो बूंद खुराक के माध्यम से बच्चो को बचाया जा सकता है। यह अभियान भारत मे पहले से ही चल रहा है। आज हम पोलियो जैसी खरनाक बिमारी को मात दे रहे। यह बिमारी पुनः अपना पैर न पसारे इसी उद्देश्य से शून्य से 05 वर्ष तक के बच्चो को यह दवा पिलाई जा रही। हमारा तथा इस समाज का दायित्व है कि ऐसे बच्चो को पोलियो की दवा अवश्य पिलाये। उन्होने कहा कि यह अभियान आज 8 दिसम्बर 2024 से प्रारम्भ होकर एक सप्ताह तक चलेगा, जिसमे मेडिकल टीमों द्वारा घर-घर जाकर बच्चो को पोलियों की दवा पिलायेंगे।  यदि किसी कारण कोई भी बच्चा छूट जाता है तो अभिभावक अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर बच्चो को पोलियो की खुराक पिला सकते है। यह आपके बच्चो के भविष्य के लिए एक उपहार साबित होगा। जिससे वो पोलियों ऐसी घातक बिमारी से बच सकेगे तथा स्वस्थ होकर अपना सुखमय जीवन व्यतीत कर सकेगे।रविवार को कार्यक्रम का शुभारंभ नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाथीखाना पर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने दीप प्रज्ज्वलित एवं जिंदगी के दो बूंद बच्चों को पिलाकर कार्यक्रम का विधवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने आए हुए बच्चों के अभिभावकों से शत प्रतिशत बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाने की अपील किया। इस दौरान उन्होने उपस्थित बच्चो मे बिस्किट के पैकेट भी वितरण किये जिसे पाकर बच्चे खुशी से झूम उठे। तत्पश्चात उन्होने नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाथीखाना के विभिन्न कक्षो यथा, प्रसव कक्ष, वार्ड, पैथोलॉजी कक्ष, ओ पी डी, दवाखाना का निरीक्षण किया तथा दवाओ की उपलब्धता  जानकारी लेते हुए चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश दिये।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार पांडे ने बताया कि गाजीपुर जनपद में पल्स पोलियो अभियान के तहत 5.5 लाख बच्चों को पोलियो का खुराक पिलाया जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए कुल 2009 बूथ बनाए गए हैं और इन्हीं बूथों पर 0 से 5 साल तक के बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के शुभारंभ हो जाने के बाद सोमवार से शुक्रवार तक घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। वहीं छूटे हुए बच्चों को विशेष कार्यक्रम के तहत 16 दिसंबर को पल्स पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ सुजीत कुमार मिश्रा ने बताया पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है जो वायरस से होती है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है। उन्होने बताया 2014 से अभी तक भारत में पोलियो के एक भी रोगी नहीं देखे गए । यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म के समय, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में दी जाती है इसके बाद 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जाती है। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोका जा सकता है।इस चरण के लिए  जन्म से पाँच वर्ष तक के 5.5 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस चरण के लिए जिले भर में 2009 बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 64 मोबाइल टीम भी बनाई गई है जिसके माध्यम से बूथ स्तर पर पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही अभियान के 948 टीमें बनाए गए हैं जो  घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। साथ ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 85 टीम ने बनाई गई हैं। पल्स पोलियो के कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ती इसमें अपना सहयोग करेंगी।कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जयनाथ सिंह, डॉ मनोज कुमार सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन से एसआरटील, यूनिसेफ से बलवंत सिंह और  प्रदीप सिंह, यूएनडीपी से  प्रवीण कुमार उपाध्याय, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ईशानी डॉ स्वतंत्र सी, अर्बन कोऑर्डिनेटर अशोक कुमार के साथ अन्य लोग उपस्थित रहे।