गाजीपुर। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी में विज्ञान संकाय के शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विषय के शोधार्थी मनोज यादव ने अपने शोध शीर्षक “शारीरिक संपर्क और गैर शारीरिक संपर्क खेलों में खिलाड़ियों के बीच व्यक्तित्व, आक्रामकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता का तुलनात्मक अध्ययन।” नामक विषय पर शोध प्रबन्ध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि शारीरिक संपर्क और गैर-शारीरिक संपर्क खेलों का भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर अलग-अलग प्रकार से प्रभाव पड़ता है। भावनात्मक बुद्धिमत्ता का अर्थ अपनी और दूसरों की भावनाओं को पहचानने, समझने और प्रभावी रूप से प्रबंधित करने की क्षमता से होता है। दोनों प्रकार के खेल भावनात्मक बुद्धिमत्ता के विकास में मददगार होते हैं, लेकिन अलग-अलग पहलुओं पर जोर देते हैं। शारीरिक संपर्क खेलों में टीमवर्क, सहयोग, और भावनात्मक नियंत्रण जैसे गुण विकसित होते हैं, जबकि गैर-शारीरिक संपर्क खेलों में आत्म-जागरूकता, आत्म-नियंत्रण, और व्यक्तिगत तनाव प्रबंधन जैसे गुण निखरते हैं। वहीँ शारीरिक संपर्क और गैर-शारीरिक संपर्क खेलों का बच्चों और वयस्कों के शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक विकास पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्र-छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थी मनोज यादव ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात समिति चेयरमैन एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह , मुख्य नियंता प्रोफेसर (डॉ०)एस० डी० सिंह परिहार, शोध निर्देशक डॉ०अनुराग सिंह एवं शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० लवजी सिंह, डॉ० ओमदेव सिंह गौतम, प्रोफे० (डॉ०) अरुण कुमार यादव, डॉ० रामदुलारे, डॉ० कृष्ण कुमार पटेल, डॉ० अमरजीत सिंह, डॉ० कमलेश, प्रोफे०(डॉ०) सत्येंद्र नाथ सिंह, डॉ० योगेश कुमार, डॉ० शिवशंकर यादव, प्रदीप सिंह, एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत में अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०) जी० सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।