गाजीपुर।गाजीपुर में आज दसवीं मुहर्रम की ताजिया निकाली गई। गाजीपुर में ताजिया जुलूस निकाला गया। जनपद में बहुत सारे ताजिया दार कमेटी हैं और उन कमेटियों के द्वारा अलग-अलग ताजिया निकाला गया। ताजिया के दफन को लेकर लगातार ताजिया कमेटियों में वर्चस्व देखने को मिलता है लेकिन गाजीपुर के इमामबाड़े में सबसे पहले डॉक्टर आजम की ताजिया शाम लगभग 4:00 बजे तक दफन कर दिया जाता है। तो वहीं अन्य कमेटियों के द्वारा दफन का कार्यक्रम रात तक चलती है। गाजीपुर में मोहर्रम के अवसर पर जनपद में अलग-अलग जगहों पर अलग अलग कमेटियों के ताजियादारो के द्वारा मोहर्रम का जुलूस निकाला गया जो अपने तय मार्गो से घूमते हुए इमाम बाड़े तक पहुंचा। इस अवसर पर मुस्लिम समाज से जुड़े लोगों ने मातम भी करते हुए नजर आए मातम के बाद इन लोगों ने इमाम बाड़े में ताजिया को दफन करने का काम किया इस अवसर पर ताजियादार कमेटी के सदस्य डॉक्टर आजम ने बताया कि यह कर्बला में शहीद हमारे इमाम इमाम हुसैन अली सलाम उनके पुत्र और पूरा कुनबा आज के दिन शहीद कर दिया गया था इसलिए उनके लिए यह 10 दिन का मुहर्रम मनाया जाता है। आज उन्हीं की याद में ताजिया उठाया जाता है उसे कर्बला में लाकर दफन किया जाता है इस दौरान उन्होंने जुलूस में चल रहे दुलदुल के घोड़े के बारे में बताया कि इसी पर इमामे हुसैन पूरी जंग लड़े हैं जिसका नाम दुलदुल जना था।