गाजीपुर । राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाज़ीपुर में स्नातक प्रथम वर्ष- बीए /बीएससी फर्स्ट सेमेस्टर में प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन दिनांक 1 मई 2024 से प्रारंभ हो रहा है। इंटरमीडिएट उत्तीर्ण अर्ह छात्राएं महाविद्यालय की वेबसाइट www.gwpgc.ac.in पर जाकर अपना प्रवेश आवेदन कर सकती हैं। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर डॉ अनीता कुमारी के अनुसार प्रवेश मेरिट के आधार पर किया जाएगा तथा विषय आवंटन राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के तहत प्रवेश काउंसलिंग के द्वारा किया जाएगा।महाविद्यालय में चार संकाय -विज्ञान, मानविकी, भाषा एवं ललित कला के अंतर्गत कुल 22 विषयों में स्नातक स्तर पर अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है।यहां पर बी ए के अंतर्गत कुल 827 सीटें एवं बीएससी के अंतर्गत 130 सीटें प्रवेश हेतु उपलब्ध हैं। महाविद्यालय में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाली सभी छात्राओं के लिए कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य है। साथ ही यहां पर समय समय पर अनेक रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स/कार्यशाला भी संचालित किए जाते हैं। महाविद्यालय के प्राध्यापकगण अपने कक्षाओं के साथ-साथ निरंतर सहशिक्षण गतिविधियों एवं शिक्षणेत्तर क्रियाकलापों के द्वारा महाविद्यालय को छात्राओं के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास हेतु योग्य गुरुकुल का निर्माण करते हैं। कक्षा में 75% उपस्थित, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, अनिवार्य क्षेत्र अध्ययन भ्रमण एवं प्रोजेक्ट कार्य, आंतरिक मूल्यांकन, मिड टर्म परीक्षा के कारण यह अध्ययनशील शिक्षार्थियों के लिए विशेष आकर्षण का कारण भी है।महाविद्यालय की भौतिक संसाधनों में निरंतर वृद्धि जारी है। अगले सत्र में महाविद्यालय को 200 की क्षमता का छात्रावास एवं 400 की क्षमता का ऑडिटोरियम मिल जाएगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (पी एम रूसा) महाविद्यालय को ₹5 करोड रुपए स्वीकृत हुए हैं। इससे महाविद्यालय की भौतिक एवं शैक्षणिक संरचना में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में उपनिदेशक के रूप में कार्य कर चुके क्रीड़ा प्रभारी डॉ शंभू शरण प्रसाद के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम के लिए भौतिक संरचना का निर्माण प्रगति पर है।वर्तमान में महाविद्यालय पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शोध केंद्र, परीक्षा संकलन केंद्र, नोडल केंद्र के रूप में कार्यरत है तथा पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के बी एड प्रवेश परीक्षा, राष्ट्रीय सेवा योजना के जनपद नोडल, जनपद रोवर आयुक्त आदि का दायित्व महाविद्यालय के प्राध्यापकों पर है। फरवरी माह में अपने तत्कालीन प्राचार्य- ख्यातिलब्ध प्रशासक, दार्शनिक, लेखक एवं प्रोफेसर सविता भारद्वाज के सेवानिवृत्ति के पश्चात वर्तमान में यह संस्कृत की विदुषी प्रोफेसर अनिता कुमारी के सुयोग्य नेतृत्व में गतिशील है।