भांवरकोल (गाजीपुर) सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का बहुत महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि अगर आप मौनी अमावस्या के दिन सच्चे मन से ईश्वर को याद करते हैं तो आपकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. क्षेत्र के कनुवान गांव निवासी ब्राह्मण समाज के महासचिव पंडित ब्रह्मानंद पांडेय ने बताया कि : साल की सभी 12 अमावस्या मे यह एकमात्र अमावस्या है जिसमें स्नान दान के अलावा मौन व्रत रखने का खास महत्व है इस दिन मौन रखकर जब तक साधना पूजा पाठ किया जाता है पौराणिक मान्यताओं में माघ मास की अमावस्या को दान पुण्य करने से सभी प्रकार के कष्ट और पापों से मुक्ति मिलती है वैदिक पंचांग के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या और माघ अमावस्या भी कहते हैं। मौनी अमावस्या के दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था। इस साल मौनी अमावस्य तिथि 9 फरवरी की सुबह 7 बजे अमावस्या तिथि आ जाएगी। यानी अमावस्या उदया तिथि आने की वजह से मौनी अमावस्या शुक्रवार को ही मनाई जाएगी।वहीं शास्त्रों में मौनी अमावस्या का स्नान अन्य सभी स्नान पर्वों में सर्वोत्तम कहा गया है। मौनी अमावस्या पर्व पर दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या वाले दिन दान, स्नान, पूजा पाठ और भागवत गीता का पाठ करने से विशेष पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। श्री पांडेय जी ने बताया शास्त्र के अनुसार माघ माह की अमावस्या को ही मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस साल मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि का शुभ संयोग बन रहा है। कहते हैं कि इस योग में किए कार्यों में अपार सफलता मिलती है। सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करने से जातकों को कई गुना अधिक लाभ प्राप्त होता है।