समय से दवा का सेवन करने, पौष्टिक आहार लेने व स्वच्छता बनाए रखने को लेकर दिया गया परामर्श

मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला पुरुष चिकित्सालय में हुआ दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

गाज़ीपुर । ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी) – एक्वायर्ड इम्यून डेफिशियेंसी सिंड्रोम (एड्स) के रोगियों को उपचार व पोषण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से गोरा बाजार स्थित महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राजकीय मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला पुरुष चिकित्सालय सभागार में मंगलवार व बुधवार को दो दिवसीय जन जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी के निर्देशन व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देश दीपक पाल, मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. आनंद मिश्रा तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में आयोजित शिविर में एचआईवी रोगियों को सामाजिक सुरक्षा एवं सरकारी योजनाओं से सम्बन्धित जानकारी दी गई।
इस दौरान जिला एचआईवी एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ. मनोज कुमार सिंह ने रोगियों को समय से दवा का सेवन करने और पौष्टिक आहार लेने के बारे में विस्तृत परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि अपने आस पास का वातावरण स्वच्छ रखें, साफ सफाई बनाए रखें, बार-बार हाथ धोएं और बीमार लोगों से दूरी बनाकर रखें। एचआईवी का निदान होने के बाद डॉक्टर के पास नियमित रूप से चेकअप कराने जाएं।कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें , क्योंकि अपने आप किसी दवा के सेवन से साइड इफेक्ट का खतरा हो सकता है। प्रधानाचार्य प्रो डॉ आनंद मिश्रा ने कहा कि हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि अपनी सुरक्षा के साथ अपने परिवार, समाज व देश में रह रहे सभी लोगों की सुरक्षा करें और नैतिक जिम्मेदारी के कारण एड्स को समाज में फैलने से रोकें। सुरक्षित तरीकों के प्रयोग से हम इसके प्रसार को बहुत आसानी से रोक सकते हैं। एचआईवी एड्स के रोगियों से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए, उन्हें भी समानता का अधिकार मिलना चाहिए।जिला पुरुष चिकित्सालय स्थित एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एoआरoटीo) सेन्टर की काउंसलर अंजू सिंह ने एचआईवी एड्स अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचआईवी ग्रसित रोगियों की सुरक्षा के लिए गोपनीयता बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। अगर इसका कोई उल्लंघन करता है तो उसे तीन महीने से लेकर दो वर्ष की सजा हो सकती है या अधिकतम एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं। इसके साथ ही उन्होंने डायल 1097 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगर किसी भी रोगी को ए०आर०टी० सेन्टर पर किसी भी तरह की समस्या हो तो तुरन्त 1097 पर कॉल करके अवगत कराएं ताकि जल्द से जल्द उनकी समस्या का निराकरण किया जा सके।इस मौके पर स्वयं सेवी संस्थाओं – अहाना, ज्योति ग्रामीण संस्था, केयर एंड सपोर्टर एवं सुभिक्षा के सभी कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी, एसीएमओ डॉ. रामकुमार, एनटीईपी के डीपीसी डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह, पीपीएम समन्वयक अनुराग कुमार पाण्डेय, एआरटी सेन्टर की काउंसलर संगीता सिंह एवं एआरटी के सर्वेश कुमार, राहुल पांडेय, सौरभ कुमार, राहुल मौर्या, वैभव विशाल, एसटीआई काउंसलर, आईसीटीसी, पीपीसीटीसी काउंसलर, अहाना, सीएससी तथा सुभिक्षा के सभी कर्मचारी उपस्थित थे।