गाजीपुर। विश्व रेबीज सप्ताह जो 25 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलेगा। इसको लेकर आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल के द्वारा किया गया। इस दौरान रेबीज को लेकर चर्चा किया गया और बताया गया कि किन जानवरों के रेबीज से कितना प्रभाव पड़ता है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने बताया कि रेबीज एक वायरल जूनोटिक डिजीज है, जो कुत्ता, बिल्ली और बंदर समेत कुछ जानवरों के काटने से इंसानों में फैलती है।करीब 99 प्रतिशत मामलों में रेबीज की बीमारी कुत्तों के काटने से फैलती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में हर साल रेबीज की वजह से 59 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इनमें 40 प्रतिशत 15 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं।रेबीज बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसका संक्रमण व्यक्ति में फैल जाए, तो उसकी मौत हो सकती है। लोगों को रेबीज से बचने के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। पहली बार रेबीज दिवस मनाने की शुरुआत साल 2007 में हुई थी।इस खास दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य रेबीज से होने वाले खतरे और इससे बचने के बारे में जागरुकता फैलाना है।इस संगोष्ठी में डॉ मुंशीलाल,डॉ शाहबाज,प्रेमचंद चौहान सहित अन्य लोग मौजूद रहे।