गाज़ीपुर – जनपद में मंगलवार को विश्व मलेरिया दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर जिला मुख्यालय सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विविध कार्यक्रम हुए जिसमें जनपदवासियों को मलेरिया के बारे में जागरूक किया गया।इस क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सीएमओ डॉ हरगोविंद सिंह की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। सीएमओ ने कहा कि मच्छरों का प्रकोप पहले सिर्फ बारिश के दौरान और बारिश के बाद दिखता था जबकि अब 2-3 महीने छोड़ दीजिए तो पूरे साल ही दिखते हैं। इसलिए मलेरिया को रोकने के लिए फॉगिंग का कार्य आवश्यकता पड़ने पर समय-समय पर चलता रहेगा। इसके साथ ही हमारी स्वास्थ्य टीमें सर्वाधिक मच्छर वाले इलाकों को चिन्हित कर वहाँ प्रभावी रोकथाक व नियंत्रण के लिए उचित कार्यवाई का रही हैं। उन्होंने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। सहभागिता से ही मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है। गोष्ठी में जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार, सहायक मलेरिया अधिकारी राम सिंह, बायोलोजिस्ट डॉ अशोक प्रकाश, फाइलेरिया निरीक्षण केके पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे रहे।
इसके अलावा कासिमाबाद पीएचसी के अंतर्गत अलावलपुर में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाकर बुखार, खांसी से ग्रसित मरीज देखे गए। इस दौरान कोई मरीज पॉज़िटिव नहीं पाया गया। इसके अलावा शिविर में लोगों को मलेरिया, फाइलेरिया और कालाजार रोग के लक्षण, कारण, जांच, उपचार, बचाव आदि के लिए जागरूक किया गया। इस दौरान मलेरिया निरीक्षण सुनील कुमार, पाथ संस्था के अजय कुमार, एलटी अमरनाथ मौर्य एवं अन्य स्वास्थ्यकर्ताओं का सहयोग रहा। इसके साथ ही कासिमाबाद के गौतम बुद्ध पब्लिक स्कूल सोनबरसा में सीफार संस्था की ओर से बनाए गए नेटवर्क की सदस्य सरिता ने बच्चों को मलेरिया और फाइलेरिया पर विस्तृत रूप से जानकारी दी। जिला समन्वयक संजय सिंह ने संचारी रोगों की पहचान व बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रबन्धक प्रभुनाथ सिंह कुशवाहा, प्रधानाचार्य पूनम कुशवाहा, अध्यापक सुरेंद्र कुमार भारती ने बच्चों को जागरुक और प्रोत्साहित किया। इस इस दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्कूल के सभी स्टाफ उपस्थित रहे।जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में संचालित संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी कराया जा रहा है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ़्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।क्या करें – मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तत्काल आशा से संपर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लें। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।