गाज़ीपुर । राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत जनपद में 20 फरवरी से सक्रिय क्षय रोगी खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान चलाया जाएगा । अभियान के सफल संचालन के लिए विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं ।मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि अभियान के लिए एनटीईपी के समस्त कर्मचारियों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम, आशा व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। अभियान के दौरान टीबी के संभावित लक्षण दिखने पर व्यक्ति के बलगम के नमूने मौके पर ही लिए जाएंगे और उन्हें सैंपल ट्रांसपोर्टर के जरिये जांच के लिए भेजा जाएगा । टीबी की पुष्टि के बाद मरीजों को नोटिफ़ाई कर तत्काल उपचार शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत पौष्टिक आहार के लिए इलाज के दौरान प्रतिमाह 500 रुपए भी दिये जाएंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ मनोज कुमार ने बताया कि अभियान के सफल संचालन के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया जा चुका है। सोमवार से यह अभियान जनपद की कुल 19 टीबी यूनिट के माध्यम से शुरु किया जाएगा। अभियान के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लिए 240 टीम तैयार की गई हैं, जो घर-घर जाकर टीबी रोगियों को खोजेंगी। इस दौरान 48 सुपरवाइजर टीमों की निगरानी करेंगे। शहर के लिए 04 सुपरवाइज़र और 20 टीम तैयार की गईं हैं जबकि ग्रामीण के लिए 44 सुपरवाइज़र और 220 टीम तैयार की गईं हैं।
जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि शुरुआत में 20 से 23 फरवरी तक विशेष अभियान चलाकर अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय व जिला कारागार में एनटीईपी के कर्मचारी सीनियर टीबी सुपरवाइजर (एसटीएस) व सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर (एसटीएलएस), टीबी हेल्थ विजिटर टीबी मरीजों को खोजकर चिन्हित करेंगे । इसके बाद 24 फरवरी से 05 मार्च तक शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्तियों व उच्च जोखिम जनसंख्या (एचआईवी एवं डायबिटीज़) के 20 प्रतिशत आबादी को कवर किया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य टीम जनपद में चिन्हित समूहों, स्थल सब्जी मण्डी, फल मण्डी, लेबर मार्केट, निर्माणधीन प्रोजेक्ट, ईंट भट्टे, स्टोन क्रेशर, खदानों व साप्ताहिक बाजार इत्यादि पर भ्रमण कर टीबी रोगियों को खोजेंगी। जांच के बाद टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल नोटिफिकेशन कर उन्हें उपचार पर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक जनपद में 404 क्षय रोगी नोटिफ़ाई किए जा चुके हैं।
जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक (डीपीपीएमसी) एके पाण्डेय ने बताया कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाए जा रहे है। इसके साथ ही उन्हें पौष्टिक आहार के लिए इलाज के दौरान प्रतिमाह 500 रुपए की आर्थिक सहायता सीधे बैंक खातों में उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने समस्त निजी चिकित्सकों व पैथालॉजी संचालकों से अपील की कि यदि कोई टीबी संभावित रोगी उनके क्लीनिक में आता है तो उसकी सूचना संबंधित नोडल सेंटर या फिर जिला क्षय रोग केंद्र को अवश्य दें।दो सप्ताह से खांसी आने पर हो जाएं सतर्कः यदि किसी को दो हफ्ते से ज्यादा समय से खांसी आ रही हो, खांसते समय खून आता हो, सीने में दर्द तथा बुखार एवं वजन कम होने की शिकायत हो तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर बलगम की जांच अवश्य कराएं।