ग़ाज़ीपुर lसाल 2025 तक टीबी रोगी मुक्त भारत बनाने के क्रम में इन दिनों विभाग की तरफ से लगातार कवायद चल रहा है। जिस के क्रम में 20 फरवरी से 3 मार्च तक सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा । यह अभियान 5-5 दिनों के दो चरणों में चलाया जाना है। जिसका मुख्य उद्देश्य समुदाय में क्षय रोगी को खोजना है और उन्हें इलाज पर रखकर स्वस्थ करना। जिससे कि 2025 का लक्ष्य पूरा किया जा सके।जिला कार्यक्रम समन्वयक क्षय रोग विभाग डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया कि 20 फरवरी से 3 मार्च तक चलने वाला 10 दिवसीय टीबी रोगी खोज अभियान जिस के क्रम में 20 फरवरी से 25 फरवरी तक शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्ती एवं हाई रिस्क जनसंख्या ( एचआईवी और मधुमेह) के 20 % जनसंख्या को कवर करना है।इसके बाद 26 फरवरी से 3 मार्च तक जनपद के अनाथालय, वृद्धआश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, चिन्हित समूह, सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईट भट्ठा के साथ साप्ताहिक बाजार को भी आच्छादित करना है।उन्होंने बताया कि जिला जेल के समस्त कैदियों का टीबी एचआईवी की जांच कराए जाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। साथ ही सभी कैदियों का टीबी एचआईवी की जांच त्रैमासिक रूप से भी किया जाना सुनिश्चित किया गया है।क्षय रोग विभाग के आंकड़ों की बात करें तो जनपद में 1 जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक प्राइवेट अस्पतालों के माध्यम से 525 और स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से 3575 क्षय रोग के मरीज खोजे गए थे। इसके अलावा 1 जनवरी से 31 जनवरी तक प्राइवेट अस्पतालों से 28 और स्वास्थ्य केंद्रों से 288 मरीजों को चिन्हित किया जा चुका है। वही पिछले दिनों टीबी मरीजों को गोद लिए जाने का अभियान चलाया गया था। जिसमें जनपद के कुल 41 लोगों ने अब तक 1112 टीवी मरीजों को गोद लेकर उन्हें प्रत्येक माह पोषण देकर उन्हें स्वस्थ करने की कवायद में लगे हुए हैं।