भांवरकोल (गाजीपुर) सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का बहुत महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि अगर आप मौनी अमावस्या के दिन सच्चे मन से ईश्वर को याद करते हैं तो आपकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. क्षेत्र के कनुवान गांव निवासी ब्राह्मण समाज के महासचिव पंडित ब्रह्मानंद पांडेय ने बताया कि साल की सभी 12 अमावस्या मे यह एकमात्र अमावस्या है जिसमें स्नान दान के अलावा मौन व्रत रखने का खास महत्व है इस दिन मौन रखकर जब तक साधना पूजा पाठ किया जाता है पौराणिक मान्यताओं में माघ मास की अमावस्या को दान पुण्य करने से सभी प्रकार के कष्ट और पापों से मुक्ति मिलती है इस साल की मौनी अमावस्या 21 जनवरी को होगी. इस बार यह अमावस्या बेहद खास होने जा रही है. असल में उस दिन शनिवार है यानी न्याय के देवता शनि देव का दिन. शनि देव 30 वर्षों बाद कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं, जिसके चलते इस बार मौनी अमावस्या पर विशेष संयोग बन रहा है. वहीं मकर राशि में शुक्र और शनि की युति होने से खप्पर योग का निर्माण हो रहा है. कहा जाता है कि मौनी अमावस्या वाले दिन दान, स्नान, पूजा पाठ और भागवत गीता का पाठ करने से विशेष पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है. माघ महीने में शनिवार को अमावस्या का होना बहुत ही खास माना गया है ग्रंथों में इस शुभ संयोग को स्नान- दान का महापर्व कहा गया है इस दिन किए गए पुण्य कर्म से कई यज्ञ और कठिन तपस्या करने जितना शुभ फल मिलता है स्कंद, पद्म और विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक माघ महीने में आने वाली शनैश्वरी अमावस्या पर तीर्थ स्नान या पवित्र नदियों में नहाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाता है इस पर्व पर किए गए दान से कई यज्ञ कराने जितना पुण्य फल मिलता है श्री पांडेय जी ने बताया शास्त्र के अनुसार माघ माह की अमावस्या को ही मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस साल माघ आमवस्या 21 जनवरी शनिवार को ऋषिकेश पंचांग के अनुसार सुबह 05:17 बजे से शुरू होकर देर रात 2:22 बजे तक रहेगी.साथ ही इस अमावस्या पर किए गए श्राद्ध से पितर पूरे साल के लिए संतुष्ट हो जाते हैं