सेवराई (गाजीपुर ) गहमर गांव के मां कामाख्या महाविद्यालय में चल रहे साहित्यकार सम्मेलन का दूसरा दिन महिलाओं के नाम रहा। शनिवार की देर शाम शुरू हुए महिला कवि सम्मेलन में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए कवियत्रियों ने अपना काव्य पाठ किया।बता दे शुक्रवार की सुबह से जासूसी उपन्यास के जनक गोपाल राम गहमरी की स्मृति में साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा साहित्यकार सम्मेलन का तीन दिवसीय आयोजन किया जा रहा है शनिवार की देर शाम कार्यक्रम में महिला कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ पूर्व जमानिया विधायक सुनिता सिंह ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया तत्पश्चात हाथरस से आई संतोष शर्मा शान नहीं चाहती पंख लिए, कहीं सपनों में उड़ जाना।जयपुर से आई कवयित्री पूर्णिमा शर्मा पाठक ने हां मैं नारी हूं पाषाणों पर भारी हूं सुना कर दर्शकों मन मोह लिया ।तुम मेरी बांसुरी की बनो रागिनी,
प्रेम की धुन मैं तुमको सुनाता रहूँ को सुमन मिश्रा ने सुनाया।मेरी जो भी कहानी है, तुम्ही से है तुम्ही तक है,भरा आंखो में पानी भी, तुम्ही से है तुम्ही तक है। कार्यक्रम में पूना से आई सुवर्णा जाधव , कोलकाता से आई मिनाक्षी सांगनेरिया , अजमेर से आई निलीमा तिग्गा आदि कवियत्रीयो ने अपना काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन पटना से आई अमृता सिन्हा एवं अध्यक्षता मुंगेर से आई कुमकुम काव्यकृति ने किया ।