गाज़ीपुर । जनपद को क्षय रोग मुक्त बनाने की दिशा में विविध प्रयास किए जा रहा हैं । इसी क्रम में अब हर 15 तारीख को आयोजित होने वाले निक्षय दिवस की तैयारियां पूरी कर ली हैं ।इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ हरगोविंद सिंह ने जिला क्षयरोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ मनोज कुमार, जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ मिथलेश कुमार, जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक (डीपीपीएमसी) एके पाण्डेय के साथ इस बार गुरुवार (15 दिसंबर) को मनाए जाने वाले निक्षय दिवस की तैयारी सहित निजी क्षेत्र में नोटिफिकेशन, निजी चिकित्सकों के प्रोत्साहन और क्षय रोगियों के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के बारे में विस्तार से चर्चा की । निक्षय दिवस पर वर्तमान में जिले के समस्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, शहरी क्षेत्र के समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, व जिला चिकित्सालय पर वाह्य मरीज विभाग (ओपीडी) में आने वाले मरीजों के 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम की जांच की जाएगी ।बताया कि आशा कार्यकर्ता संभावित टीबी मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लाएंगी । सेंटर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) मरीजों की प्रारम्भिक जांच एचआईवी, डायबिटीज और अन्य जांच करेंगे । साथ ही बलगम का नमूना लेंगे । उसे निक्षय पोर्टल पर आईडी बनाते हुए नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा । सीएचओ और आशा के जरिए निक्षय दिवस पर मिलने वाली सुविधाओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा । सीएचओ जाँच में टीबी की पुष्टि वाले मरीजों के परिवार के अन्य सदस्यों की भी टीबी स्क्रीनिंग सुनिश्चित करेंगे । आशा कार्यकर्ता निक्षय दिवस पर टीबी मरीजों के बैंक खाते का विवरण आशा संगिनी को मुहैया कराएंगी और आशा संगिनी सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) को निक्षय पोर्टल पर दर्ज कराने को देंगी । इस दिवस पर प्राइवेट प्रैक्टिशनर को टीबी नोटिफिकेशन, कांटेक्ट ट्रेसिंग और फॉलोअप के लिए प्रेरित किया जाएगा ।
डीपीसी डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि राज्य स्तर के निर्देश के तहत पब्लिक सेक्टर के सापेक्ष प्राइवेट सेक्टर में अधिक से अधिक क्षयरोगियों को खोजने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया गया । शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एनटीईपी की टीमें शहरी क्षेत्रों में निजी सेक्टर के अस्पतालों/डॉक्टरों से नोटीफिकेशन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं । क्षयरोगियों के पालन पोषण के लिए दवा, जांच के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाएं की ओर से पोषण सामाग्री और भावनात्मक सहयोग कर रही हैं । उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों के इलाज के दौरान सरकार 500 रुपए पोषण भत्ता के रूप में देती है ।