ग़ाज़ीपुरस्वास्थ

2 सितंबर से 15 सितंबर तक चला कुष्ठ रोगी खोजी अभियान, 81 मरीज हुए चिन्हित

 

गाजीपुर। कुष्ठ रोगी खोजी अभियान जो 2 सितंबर से 15 सितंबर 2024 तक पूरे जनपद में पल्स पोलियो की तर्ज पर घर-घर जाकर रोगियों की खोज किया जाना था। ऐसे में अब यह अभियान पूर्ण हो चुका है और अभियान के पूर्ण हो जाने पर विभाग ने जो आंकड़े पेश किए हैं उसके अनुसार जनपद में कुल 1188 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया था। जिसमें से 81 मरीजों में कुष्ठ रोग के लक्षण पाए गए जिनका विभाग के द्वारा इलाज शुरू कर दिया गया है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ रामकुमार ने बताया कि शासन के निर्देश पर पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कुष्ठ रोगी खोज अभियान घर-घर चलाया गया था। जिसके लिए जनपद में कुल 3749 टीम बनाई गई थी जिसके लिए कुल 758 सुपरवाइजर लगाए गए थे। और इस अभियान के दौरान 362 6602 व्यक्तियों की परीक्षण किया गया जिसमें से 1188 व्यक्तियों में कुष्ठ रोग के सिमटम पाए गए । लेकिन अंतिम जांच के दौरान कल 81 कुष्ठ रोगी मरीज को चिन्हित किया गया । अब इन चिन्हित किए गए मरीजों का विभाग की तरफ से इलाज शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के शुरू होने से पूर्व समस्त ब्लॉकों के चिकित्सा अधिकारियों के साथ ही इस कार्य में जुटे सभी चिकित्सा कर्मियों का दो दिवसीय वर्कशॉप कराया गया था। उस वर्कशॉप के माध्यम से मरीज की खोज किस तरह से करना है उसके बारे में बड़े ही बारीकी से जानकारी दी गई। जिसके बाद जनपद में बनाए गए टीमों के माध्यम से यह अभियान सफल हो पाया । जिसमें कुल 81 मरिज चिन्हित किए गए हैं।उन्होंने बताया की कुष्ठ एक संक्रामक रोग है। यह ‘माइकोबैक्टीरियम लेप्रे’ नामक जीवाणु के कारण होता है, जो एक एसिड-फास्ट रॉड के आकार का बेसिलस है। यह त्वचा के अल्सर, तंत्रिका क्षति और मांसपेशियों को कमजोर करता है। कुष्ठ रोग  में त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं।  धब्बे संवेदना रहित होते हैं और  रोग की शुरुआत बहुत धीमी गति व  शांति से होती है।  यह तंत्रिकाओं, त्वचा और आंखों को प्रभावित करता है। सभी संक्रामक रोगों में कुष्ठ रोग अत्यधिक घातक  है, क्योंकि इस रोग में स्थाई शारीरिक दिव्यांगता  हो सकती है एवं इस रूप में विशेष रुप से रोग में दिखने वाली दिव्यांगता  ही मरीज के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव के लिए जिम्मेदार है।यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह गंभीर विकृति और दिव्यांगता का कारण बन सकता है। कुष्ठ रोगियों के पैरों के तलवों में छाले, मांसपेशियों की कमजोरी और वजन में कमी सामान्य सी बात है।कुष्ठ रोग का शीघ्र पता चल जाए तो इसका उपचार मल्टी ड्रग थेरेपी (एम.डी.टी.) द्वारा संभव है। एमडीटी के उपचार के बाद इस रोग की पुनरावृत्ति दुर्लभ होती है |  कुष्ठ रोग के लक्षण दिखने पर अपने क्षेत्र की आशा या एएनएम से संपर्क करें या निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर एमडीटी निःशुल्क उपलब्ध है।