मुहम्मदाबाद ( गाज़ीपुर)। स्थानीय तहसील अंतर्गत हाटा स्थित माता महाकाली मंदिर यूसुफपुर पर 6 नवंबर को सायं काल संगीतमय श्री राम कथा अमृत वर्षा आरंभ हुआ।कथा के संदर्भ में कथावाचक साध्वी साधना जी ने बताया कि श्री रामचरित अपने आप में महान है। तथा जो लोग प्रभु श्री राम का नाम जपते हैं। वह हमेशा संसार के बंधनों से मुक्त हो जाते हैं ।साध्वी साधना जी ने बताया यह मनुष्य का जीवन कर्म के लिए बना है और जो लोग कर्म से पीछे हटेंगे। उनका कभी उद्धार नहीं होगा। उन्होंने यह बताया कि श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान कृष्ण ने स्वयं कहा है कि कर्म ही मनुष्य के भाग्य को बनाता है। रामावतार में बाली को श्रीराम ने वाणों से मारा था ।इसीलिए एक बहेलिया ने भगवान कृष्ण को तीर से मारा। अर्थात साध्वी के कहने का अर्थ यह था कि कर्म के लेखे जोखे से स्वयं भगवान विमुक्त नहीं हुए। जब राजा दशरथ ने श्रवण कुमार को मारा तो उनके माता-पिता ने यह श्राप दिया कि पुत्र वियोग में मेरी तरह तुम्हारी भी मृत्यु हो जाएगी ।अतः हमें हमेशा प्रभु का स्मरण करना चाहिए। संपूर्ण सृष्टि प्रभु के अधीन है। अतः प्रभु ही इस संसार के मोह से हमें मुक्त कर सकते हैं। इसके लिए श्रीराम नाम और सत्संग का महत्व है। कथा के पहले दिन साध्वी साधना जी ने श्री राम की महिमा और सत्संग के महत्व को समझाया।