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बाल मन के स्पष्ट झांकी बाल कहानियों में होती है

गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आज सोमवार को सुप्रसिद्ध बाल कथाकार पवन कुमार वर्मा ने बाल कहानियों पर एक संक्षिप्त व्याख्यान दिया। बाल दिवस के शुभ अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बालमन की स्पष्ट झांकी बाल साहित्य में देखने को मिलती है। बाल मन को पढ़ना बहुत कठिन कार्य है।लेकिन यदि उनके मन को पढ़ लिया जाए और उनकी बात को ठीक से समझ लिया जाए और उनके साथ उन्हीं के मन की करते हुए उन्हें सीखने और समझने का अवसर दिया जाए तो निश्चित रूप से नई पीढ़ी का सर्वोत्तम विकास होगा, जिससे उन्नत राष्ट्र बनेगा।इस अवसर पर उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सविता भारद्वाज को अपनी कहानी एक बाल कहानी संकलन “श्रेष्ठ बाल कहानियां” नामक पुस्तक भी भेंट की।विदित है कि इस पुस्तक को कर्नाटक सरकार ने कन्नड़ में अनुवाद करा कर अपने शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम में रखा है। इन्हे अब तक आधा दर्जन से अधिक बाल कहानियों का संकलन पुस्तक रूप मे आ चुकी है। इस अवसर पर हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ संगीता मौर्य, डॉ निरंजन कुमार यादव, डॉ शशि कला जायसवाल महाविद्यालय के प्राध्यापक गण एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।