ग़ाज़ीपुरधर्म

निकाली गई भगवान हनुमान जी की शोभायात्रा

गाजीपुर। चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई गई। शहर के कोट किला कोहना स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है।यह मंदिर त्रेता युग में महर्षि विश्वामित्र के पिता राजा गांधि द्वारा स्थापित किया गया था। मंदिर में स्थापित हनुमान जी की मूर्ति की एक विशेषता है। मूर्ति का एक पैर जमीन के अंदर है और दूसरा पैर घुटनों के पास से मुड़ा हुआ है। स्थानीय जानकारों के अनुसार, पहले यह मूर्ति काफी नीचे थी। धीरे-धीरे यह ऊपर की ओर आ रही है, जिससे अब भक्तों को दर्शन करने में आसानी हो गई है।इस अवसर पर मारवाड़ी समाज ने एक विशेष शोभायात्रा का आयोजन किया। यह यात्रा रानी सती मंदिर से शुरू होकर हनुमान मंदिर तक गई। इसमें सैकड़ों महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। श्रद्धालुओं ने हनुमान मंदिर में ध्वज अर्पित किए और पूजा-अर्चना के बाद अपने घरों को लौटे।पौराणिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा को हुआ था। बचपन में एक बार उन्होंने सूर्य को लाल फल समझकर निगलने का प्रयास किया। इस पर इंद्र ने वज्र से प्रहार किया, जिससे वे मूर्छित हो गए। क्रोधित पवन देव ने सृष्टि में वायु प्रवाह रोक दिया। देवताओं ने मिलकर हनुमान जी को पुनर्जीवित किया। यह घटना भी चैत्र पूर्णिमा के दिन हुई थी, इसलिए इसे उनका पुनर्जन्म और विजय दिवस भी माना जाता है।