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आठवें दिन भी जारी रहा शम्मी का हस्ताक्षर अभियान, अब तक 6500 लोगों का मिला समर्थन

 

ग़ाज़ीपुर। नगर के जर्ज़र सड़को के खिलाफ चल रहे हस्ताक्षर अभियान के आठवे दिन विकास भवन चौराहे पर लगभग 700 लोगों ने हस्ताक्षर कर अभियान में भागीदारी दर्ज की। अब तक कुल 6500 लोगो ने हस्ताक्षर कर अभियान का समर्थन किया। हस्ताक्षर अभियान की अगुआई कर रहे विवेक कुमार सिंह ‘शम्मी’ ने कहा की समय से कार्य ना पूरा करने के लिए कार्यदायी संस्थाओ की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए तथा कार्य न करने पर कार्यवाही होनी चाहिए।इस दौरान राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव ने कई कर्मचारियों के साथ हस्ताक्षर कर अभियान को मजबूती प्रदान की।उन्होंने बताया कि सड़कों की बदहाली के चलते आवागमन पर बुरा असर देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विकास भवन के आसपास की सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। जिसके कारण अपने कार्यालय पहुंचने वाले कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सड़क के गड्ढे और धूल के गुबार के कारण ऑफिस पहुंचने वाले कर्मचारी सुबह ही बेहद थका हुआ महसूस करते हैं। आये दिन रोड पर टोटो पलटने से लोग घायल हो रहे है। कार्यालय पहुंचने से पहले ही धूल और मिट्टी से सारे कपड़े खराब हो जाते हैं। डस्ट के चलते आँखों में जलन की समस्या आम बात हो गई है।मौके पर कर्मचारी नेताओं ने कहाकि कोई भी जनप्रतिनिधि चाहे वह सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष का, किसी को शहर के दुर्दशा के बारे में चिंता नहीं है, ये लोग सिर्फ चुनाव के समय दिखाई देते है। जनप्रतिनिधियों को जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। शहर के जर्जर हालात को लेकर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए तथा लापरवाह विभागों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।वही राहगीरों ने हस्ताक्षर कर बताया की गाज़ीपुर नगर क्षेत्र की सड़को का हाल आस पास के जिलों की तुलना मे बहुत ही बुरा स्थिति मे है, यहा तक की कई क्षेत्रों मे तो आटोरिक्शा या टोटो तक जाने से मना कर देते हैं।हस्ताक्षर अभियान के आयोजक विवेक कुमार सिंह ‘शम्मी’ ने कहा की समय से कार्य ना पूरा करने के लिए कार्यदाई संस्थाओं की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए तथा कार्य न करने पर कार्यवाही होनी चाहिए।उन्होंने कहा की नगर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर 10000 हस्ताक्षर होने तक अभियान चलाते रहेंगे ।आज आलोक राय, गोविंद श्रीवास्तव, राजेश, बबुआ यादव, रामप्रकाश राय समेत बड़ी संख्या में कर्मचारियों के साथ ही आम लोग मौजूद रहे।