विजय दिवस मनाया गया

भांवरकोल (गाजीपुर) क्षेत्र के कनुवान गांव शिव मंदिर में भूतपूर्व सैनिकों ने विजय दिवस मनाया ।भारत में विजय दिवस हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है। शुक्रवार को 51वां विजय दिवस मना रहे है। विजय दिवस 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की जीत के वीर पुरुषों की सेवा, वीरता और बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। कनुवान गांव में आयोजित पूर्व सैनिकों के कार्यक्रम में इस दिन हम उन सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने युद्ध में देश की रक्षा की थी। शहीद जवानों की याद में एक मिनट का मौन रखा और भारत माता की जय के नारे लगाए इस मौके पर सूबेदार मेजर रविंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध जो 3 दिसंबर को शुरू हुआ, 13 दिनों तक चला और आधिकारिक तौर पर 16 दिसंबर को समाप्त हुआ, जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। 1971 में आज ही के दिन पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल एए खान नियाज़ी ने 93 हज़ार सैनिकों के साथ भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी की सहयोगी सेनाओं के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था। युद्ध की समाप्ति के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे जिसके कारण ही बांग्लादेश नाम का एक नया देश बन गया था इसलिए भारत में 16 दिसंबर प्रत्येक साल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर अक्षैबर राय ,सुरेश राय, देवेंद्र मिश्रा, बरमेश्वर पांडेय, प्रेम शंकर पांडेय, बलेसर राय ,विद्यासागर राय, अमित राय, दिनेश राय ,ब्रह्मानंद पांडेय आदि पूर्व सैनिक मौजूद रहे ।