
मुहम्मदाबाद ( गाज़ीपुर)। स्थानीय विकास खंड अंतर्गत यूसुफपुर स्थित माता महाकाली मंदिर परिसर में चल रहे श्री राम कथा अमृत वर्षा में साध्वी साधना ने कथा के चौथे दिन बताया कि मनुष्य का जीवन बड़े पुण्य से मिलता हैं। फिर भी हम अपना अमूल्य जीवन क्षणिक विषयों के पीछे गवा देते हैं। जिससे शास्त्रों में देव दुर्लभ कहा गया है । ऐसे देव दुर्लभ शरीर को हम आलस्य, प्रमोद ,शौक ,मौज, ऐसो आराम और भोग विलास में गवा देते हैं। जीवन रहते हम अपने आपको समझ नहीं पाते। हमारे ऋषियों ने इस क्षण भंगुर शरीर को व्याधियों का घर बताया है ।इस संसार में चारों तरफ दुख का ही बोलबाला है ।अब प्रश्न उठता है कि इस दुख से बचने का उपाय क्या है ? तो शास्त्र कहते हैं कि स्वेच्छा पूर्वक विषयों को त्यागने में ही सच्चा सुख है। जिसके पास जितना अधिक विषयों का संग्रह है वह उतना ही अधिक दुखी है। यदि हम अपने तथा संसार को सुखी देखना चाहते हैं । हमें यथाशक्ति पापों से बचकर धर्म को संचय करना चाहिए ।क्योंकि धर्म से ही धन और सुख की प्राप्ति होती है। इसलिए हमें चाहिए कि समय रहते हम अपनी चेतना को जागृत करें और अपने अंदर के संपूर्ण कामनाओं को त्याग करें । ममता और अहंकार का त्याग कर बड़े प्रेम से भगवान का भजन करें। छोटों को सम्मान दें बड़ों का आदर करें ।जीवो पर दया करें। यही मानव जीवन का कर्म है और यदि भगवान से हम जुड़ जाएंगे तो हमारे जीवन का बेड़ा पार हो जाएगा हम इस समूह और माया के जंजाल से मुक्त हो जाएंगे। कथा के चौथे दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की गई।