ग़ाज़ीपुरधर्म

मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी : पंडित ब्रह्मानंद पांडेय

 

भांवरकोल (गाजीपुर) मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना जाता है भारत के अलग-अलग राज्यों में मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है इस त्यौहार को गुजरात में उत्तरायण पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी और दक्षिणी भारत में इस दिन को पोंगल के रूप में माना मनाया जाता है मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के राशि परिवर्तन के मौके पर मनाया जाता है इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर जाते हैं सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर संक्रांति कहलाता है  धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा मकर संक्रांति पर्व ऐसे तो हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन पंचांगों की मानें तो इस बार मकर संक्रांति की तिथि में बदलाव हो रहा है. क्षेत्र के लोगों में भी 14 और 15 जनवरी को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. इसको लेकर हमने जानना चाहा तो क्षेत्र के कनुवान गांव निवासी ब्राह्मण समाज के महासचिव पंडित ब्रह्मानंद पांडेय ने बताया कि मकर संक्रांति मुख्य रूप से सूर्य देव की पूजा का पर्व है. इस दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश कर जाते हैं. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा, स्नान-दान का विशेष महत्व है. ऋषिकेश पंचांग के अनुसार इस बार 14 जनवरी शनिवार की देर रात 3 बजकर 1 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। उदया तिथि 15 जनवरी को प्रातः हो रही है ऐसे में मकर संक्रांति नए साल में 15 जनवरी रविवार को मनाई जाएगी सुबह में सूर्य उत्तरायण हो रहा है.
15 जनवरी को ही खरमास खत्म हो जाएगा. प्रत्येक वर्ष 14जनवरी की दिन में मकर राशि प्रवेश करती थी और उसी दिन सूर्य उत्तरायण होता था. पंडित ब्रह्मानंद पांडेय ने बताया कि बगैर मकर राशि के प्रवेश किए हुए मकर संक्रांति मनाने, गंगा स्नान, दान, पूजा करने का कोई महत्व नहीं है.मकर संक्रांति के बाद लोग शुभ कार्य शुरू कर देते हैं. मकर संक्रांति के एक महीना पहले तक खरमास लगा रहता है जिसमें सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं. कहा जाता है कि सूर्य उत्तरायण में सभी देवता जागते हैं और छह महीने के बाद आसाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष में सूर्य दक्षिणायन हो जाते हैं इसलिए मकर संक्रांति का दिन पूजा पाठ करने वालों के लिए विशेष दिन माना जाता है.गंगा या किसी भी नदी में स्नान, कंबल, मिष्ठान, तिल, गुड़ दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को सौर माघ का भी आरंभ हो रहा है जो उस दिन से पूरे माघ महीने में गंगा स्नान के साथ सूर्य एवं विष्णु की पूजा करते हैं उन्हें विशेष रूप से पुण्य की प्राप्ति होती है