मुहम्मदाबाद (गाजीपुर)। स्थानीय विकासखंड अंतर्गत यूसुफपुर स्थित माता महाकाली मंदिर के प्रांगण में संगीतमय राम कथा अमृत वर्षा के अंतर्गत पांचवे दिन साध्वी साधना ने हजारों जनता के बीच दांपत्य जीवन की मधुरता का रहस्य बताया।संगीतमय राम कथा अमृत वर्षा के दौरान कथा के पांचवे दिन हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। जिसमें साध्वी साधना ने दांपत्य जीवन की मधुरता में स्त्री और पुरुष दोनों का पूरा सहयोग बताया। उन्होंने कहा कि जग में नारियों का महत्वपूर्ण स्थान है। यहां तक कि शास्त्रों में नारी को गृहलक्ष्मी, ब्रह्मविद्या ,रिद्धि सिद्धि ,कामधेनु ,श्रद्धा, पवित्रता आदि कहा गया है। शास्त्रों में भी मिलता है “यत्र नारी पूज्यंते, तत्र रमंते देवता “।नारी के साथ जुड़ा होने से ही पुरूष का महत्व है ।नारी हर रूप में आदर करने योग्य है ।नारी माता के रूप में गौरवमयी जननी है। पत्नी के रूप में सहभागी है, बहन के रूप में भाई के मस्तक पर तिलक करके गौरवान्वित करती है, पुत्री के रूप में घर की शोभा है, नारी हर रूप में आदर करने योग्य है। प्राचीन काल की एक कथा बताते हुए उन्होंने बताया कि प्राचीन काल में नारियों का बड़ा आदर होता था। दुर्भाग्यवश मध्यकाल में इसका शोषण होने लगा। हमारी वीर जननी, वीर भगनी, पत्नी, पुत्री केवल श्रृंगार की कठपुतली बनकर रह गए हैं। जिसका परिणाम हमारे सामने है। जिसका परिणाम आज हमारे देश के सामने है ।आजकल लोग नारी को बड़े हीन भावना से देख रहे हैं। गलत नजरिए से देखा जा रहा है ।इसलिए आज हमारे देश में दुर्घटनाएं स्त्रियों के साथ सुनने को आता है । इसलिए हमें जीवन के लिए एक दूसरे के सहयोग की भावना के साथ रहना चाहिए और हमें नारी का सम्मान करना चाहिए।