गाज़ीपुर l राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम व टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सोमवार को जिले में एकीकृत निक्षय दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान विभिन्न टीबी के साथ फाइलेरिया, कालाजार और कुष्ठ रोग संबंधी जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया । जिले के समस्त हेल्थ वेलनेस सेंटर, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आने वाले व्यक्तियों की टीबी स्क्रीनिंग की गई और संभावित लक्षण वाले 10 फीसदी व्यक्तियों का बलगम एकत्र कर जांच के लिए भेजा गया । इसके अलावा कुष्ठ रोग, कालाजार व फाइलेरिया की भी जांच की गयी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ हर गोविंद सिंह ने बताया कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से हर माह की 15 तारीख को निक्षय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है लेकिन इस बार 15 तारीख को अवकाश होने के कारण 16 जनवरी को ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य टीबी रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही अधिक से अधिक टीबी मरीजों का चिन्हित कर उनका उपचार करना, प्राइवेट नोटिफिकेशन में तेजी लाना, पोषण सामग्री व आर्थिक सहयोग से उन्हें जल्द से जल्द स्वस्थ करना है । एकीकृत निक्षय दिवस के अवसर पर टीबी रोगियों के साथ ही कालाजार, कुष्ठ एवं फाइलेरिया रोगियों को भी चिन्हित किया गया ताकि उन्हें समय से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि देश को टीबी मुक्त बनाने में सभी के सहयोग की जरूरत है। लिहाजा इस दिशा में सभी को मिलजुल कर प्रयास करना चाहिए ताकि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाया जा सके।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव है । टीबी की दवा पूरी अवधि तक लेना है और एक भी दिन दवा छूटनी नहीं चाहिए । मरीजों को नियमित दवा का सेवन करने, हरी सब्जी के साथ पोषणयुक्त भोजन करने तथा समय-समय पर जांच कराने की सलाह दी। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि निक्षय दिवस पर जनपद के हेल्थ वेलनेस सेंटर, शहरी व ग्रामीण स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों सहित जिला चिकित्सालयों पर मरीजों की ओपीडी हुई जिसमें से 10 फीसदी व्यक्तियों का बलगम सैंपल लिया गया । सभी सैंपल को एकत्रित कर जांच के लिए भेजा गया । पॉजिटिव व्यक्तियों का तत्काल प्रभाव से उपचार किया जाएगा । जिला पब्लिक प्राइवेट समन्वयक एके पाण्डेय ने बताया कि निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत करते हुये उन्हें हर माह 500 रुपये की पोषण के लिए आर्थिक सहायता डीबीटी के जरिये दी जाएगी ।