गाजीपुर। विश्वमोहन शर्मा के निधन पर शोक सभा आयोजित

गाजीपुर। पंडित विश्वमोहन शर्मा (1947 – 2025) के अकास्मिक निधन की खबर से जनपद का प्रबुद्ध नागरिक वर्ग मर्माहत है। विश्वमोहन शर्मा कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और वाराणसी में चिकित्सा के दौरान 19 मार्च को उनका देहावसान हो गया। गाजीपुर जनपद के बौद्धिक समाज-साहित्य सेवियों में अग्रणी विश्वमोहन शर्मा के देहावसान की सूचना स्तब्ध करने वाली है । नगर के तुलसी सागर स्थित नई होराइज़न एकेडमी में आयोजित एक शोक सभा मे आचार्य विश्वमोहन शर्मा के निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए एकेडमी के निदेशक प्रो. अजय राय ने कहा कि विश्वमोहन शर्मा मनसा वाचा कर्मणा एक श्रेयस्कर व्यक्तित्व के स्वामी थे। उन्होंने साहित्य तथा इतिहास में गंभीर लेखन कर जनपद की बौद्धिक जिजीविषा को गति व परिष्कार प्रदान किया ।प्रो. अजय राय ने कहा कि विश्वमोहन शर्मा विलक्षण प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति थे। उत्साह और ऊर्जा के पर्याय विश्वमोहन शर्मा की कमी लंबे समय तक अखरेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मुहम्मदाबाद तहसील काण्ड (डॉ. मान्धाता राय के संपादन के साथ) उनकी अत्यंत उच्च स्तरीय कृति है। यह एक प्रामाणिक तथा दस्तावेजी रिपोर्ट है जिसने जनपद की खास तौर से मुहम्मदाबाद की स्वाधीनता आंदोलन में प्रखर एवं उल्लेखनीय सहभागिता को अंकित किया है। इसके अलावा भी उन्होंने अत्यंत सूचनाप्रद एवं पठनीय इतिहास साहित्य का सृजन किया है जो सुरुचिपूर्ण पाठकों तथा शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत उपयोगी सामग्री हैं।एकेडमी के प्रबंध निदेशक प्रो. अमर नाथ राय ने कहा कि यदि गाजीपुर जनपद के 10 बौद्धिक प्रतिबिम्बों का नाम लिया जाय तो उसमें आचार्य विश्वमोहन शर्मा का नाम अवश्य रहेगा।अपने अध्यवसाय के प्रति तन, मन, धन से समर्पित तथा मिथ्या आडंबरों से कोसों दूर विश्व मोहन शर्मा जैसा हो पाना आसान नहीं है। शोक सभा में विभा राय, सुनीता मिश्रा, किरन बाला राय, रेनू राय, कनक राय, सना फातमा, अभिषेक श्रीवास्तव आदि शिक्षक, कर्मचारी तथा प्रबंध सस्मिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।