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एक जुलाई से पूरे माह चलेगा संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान

 

गाज़ीपुर । राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राइफल क्लब सभागार में बुधवार को आगामी संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की तैयारियों को लेकर जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) संतोष कुमार वैश्य ने की।उन्होंने स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों जैसे नगर पालिका व पंचायत, पंचायती राज व ग्राम विकास, पशुपालन, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, कृषि एवं सिंचाई, स्वच्छता, सूचना एवं उद्यान विभाग को निर्देशित किया कि सम्पूर्ण अभियान की योजना समय से तैयार कर ली जाए। सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मियों को उनके कार्यों व जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी दी जाए। अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए सभी विभागों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि बदलते मौसम और जल भराव से मच्छर जनित बीमारियों व संचारी रोगों जैसे मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, चिकनगुनिया आदि की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसी से निपटने के लिए हर साल संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान चलाया जाता है। संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का महत्वकांछी कार्यक्रम है।
प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इसके लिए जिले में अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स की बैठकें की जा रही हैं तथा अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संवेदीकरण और प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संचारी रोग मच्छरों से फैलने वाला वह संक्रामक रोग हैं जो किसी न किसी रोग जनित कारकों (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वायरस आदि के कारण होता है, जो गुणात्मक रूप से एक शरीर से दूसरे शरीर में फैलता है। मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार आदि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं। इन रोगों से जागरुकता व साफ-सफाई के माध्यम से ही बचा जा सकता है। सीएमओ ने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित सभी सरकारी चिकित्सालयों समेत सभी सीएचसी/पीएचसी पर संचारी रोगों की जाँच और इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी डॉ जेएन सिंह  ने बताया – माइक्रोप्लान बनाकर अधिक से अधिक लोगों को मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों बारे में बताया जाएगा और इन रोगों से बचाव के बारे में जानकारी दी जायेगी। एक जुलाई से शुरू हो रहे सभी अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के तहत कार्य करेंगी। वह घर में और आस-पास जल जमावन होने देने, साफ-सफाई रखने, ताजा भोजन करने, पानी उबाल कर पीने, साबुन से हाथ अच्छी तरह से धोने, खुले में शौच से नुकसान आदि के बारे में जागरूक करेंगी। अभियान में ‘हर रविवार मच्छरों पर वार’ पर भी ज़ोर दिया जाएगा। किसी भी प्रकार के रोग से पीड़ित होने पर रोगी को 108 एंबुलेंस की मदद से सीएचसी व पीएचसी पर पहुंचायेगी ताकि उन्हें समुचित इलाज मिल सके।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार ने बताया कि अभियान में घर-घर भ्रमण के दौरान आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार के रोगियों की सूची, आईएलआई (इन्फ़्लुएंजा लाइक इलनेस) रोगियों की सूची, फाइलेरिया, कालाजार, टीबी व कुष्ठ रोग के लक्षणयुक्त की सूची एवं कुपोषित बच्चों की सूची भी तैयार करेंगे। इस अभियान में विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। साथ ही यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, पाथ, पीसीआई, सीफार, चाई संस्था से भी सहयोग लिया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने बैठक में हीट वेव से बचाव के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने समस्त अधिकारियों को हीट वेव की रोकथाम और तैयारियों को पूरा करने के बारे में विस्तार से चर्चा की। सहायक मलेरिया अधिकारी राम सिंह ने बताया कि संक्रमण से बचने व बुखार होने पर “क्या करें, क्या न करें” का प्रत्येक प्रमुख स्थान पर प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि लगाए जा रहे हैं।बैठक में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आनंद मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (पुरुष व महिला), समस्त एसीएमओ, विभिन्न विभागों के मुख्य अधिकारी व कर्मी, समस्त ब्लॉक के अधीक्षक व एमओआईसी, जिला मलेरिया अधिकारी, डीपीएम, डीसीपीएम, सीडीपीओ, सहायक मलेरिया अधिकारी, अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी सहित यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, पाथ, पीसीआई, सीफार, चाई संस्था के जिला प्रतिनिधि उपस्थित रहे।